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वर्ष 2009-2010 के लिये निगम का
लक्ष्य रू0
550.00 करोड़ का कार्य कराने
का था जिसके विरूद्ध रू0
541.82 करोड़
का कार्य कराया गया है। वर्ष 2010-11
के लिए रू0
700.00 करोड़ का निमार्ण
कार्य कराने का लक्ष्य रखा गया है।
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वर्ष 2009-2010 तक के निगम के लेखे
पूर्ण
एवं निदेशक मण्डल के अनुमोदित हैं। आलोच्य वर्ष में निगम को
रू0 961.94 लाख का लाभ हुआ है और उक्त
लेखों के अनुसार निगम का रिजर्व एवं
सरप्लस रू0
3167.60 लाख है।
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वर्ष 2010-2011
के लिये निगम द्वारा रू0
700.00 करोड़
का कार्य कराने का लक्ष्य निर्धारित
किया गया है जो गत वर्ष की तुलना में
लगभग 29.20 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय
वर्ष के प्रारम्भ में निगम के पास
उपलब्ध कुल कार्यों की धनराशि लगभग
रू0 150240.00 लाख है। इस वर्ष समाज
कल्याण, अनुसूचित जनजाति विभाग, एवं
विकलांग कल्याण विभाग के निर्माण
कार्यों के अतिरिक्त मुख्यतः जवाहर
नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय,
महाविद्यालय, राजस्व विभाग, सहकारिता
विभाग, न्याय विभाग, चिकित्सा विभाग,
खेल-कूद विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण
विभाग, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास,
प्रौद्योगिकी, पिछड़ा वर्ग कल्याण, कृषि
विश्वविद्यालय, कानपुर, इंजीनियरिंग
कालेज तथा पूर्वान्चल विकास निधि के
कार्य कराये जायेंगे।
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वर्ष 2009-2010 में निगम द्वारा कुल
4830 भवन इकाईयों का कार्य पूर्ण किया
गया। वित्तीय वर्ष 2010-2011 में कुल
8275 भवन इकाईयों पूर्ण करने का
लक्ष्य निर्धारित किया है।
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विभिन्न न्यायालयों में कुल 171 मुकदमें
वर्तमान में लम्बित हैं, जिसमें निगम
की ओर से न्यायालय में आवश्यक
कार्यवाही की जा चुकी है। वित्तीय
वर्ष 2009-2010 में कुल
21 मुकदमें तथा
चालू वर्ष के दौरान कुल
32 मुकदमें
निस्तारित हुए हैं।
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सेवानिवृत्त/मृतक कर्मियों के पेंशन
सम्बन्धी कोई मामले लम्बित नहीं हैं।
कर्मचारियों के पेंशन का भुगतान
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के स्तर
से किया जाता है। इसी तरह ग्रेच्युटी
एवं अवकाश नकदीकरण की पालिसी निगम
द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम से ली
गयी है जिसका भुगतान भारतीय जीवन बीमा
निगम से प्राप्त होता है तथा निगम
द्वारा नियमानुसार उसका भुगतान
संबंधित कार्मिकों को किया जाता है।
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निगम में कर्मचारियों के लिय
सी0पी0एफ0 एक्ट 1952 के अन्तर्गत
भविष्य निधि योजना भली प्रकार लागू है
और इसके लिये विधिवत् सी0पी0एफ0
ट्रस्ट गठित है। कर्मचारियों के वेतन
से कटने वाली धनराशि एवं निगम द्वारा
दिये जाने वाले नियोक्ता अंशदान को
निर्धारित नियमों के अनुसार विनियोजित
किया जाता है।
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निगम का लेखराज मार्केट, 1 एवं 2
इन्दिरा नगर, लखनऊ में द्वितीय एवं
तृतीय तल पर अपने स्वामित्व में
कार्यालय है। निगम ने उत्कृष्ट कार्य
के फलस्वरूप अर्जित लाभ में से वर्ष
1999-2000 में लखनऊ विकास प्राधिकरण
से नवीन कार्यालय भवन बनाने हेतु लगभग
रू0 192.00 लाख में गोमती नगर, लखनऊ
में एक एकड़ भूमि क्रय किया है।
जिस पर नवीन कार्यालय भवन पूर्ण हो
चुका है।
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निगम द्वारा अर्जित किये गये लाभ को
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के
व्यक्तियों के उत्थान हेतु अर्पित भी
किया गया है। अर्जित किये गये लाभ में
से निगम द्वारा अनुसूचित जाति के
अभ्यर्थियों के लिए रू0 135.11 लाख का
एक भवन क्रय करके पी0सी0एस0 कोचिंग
सेन्टर की सथापना हेतु समाज कल्याण
विभाग को हस्तान्तरित किया गया है।
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निगम में कर्मियों की संख्या सीमित/नियंत्रक
में है। कुल स्वीकृत 824 पदों के
विरूद्ध माल
590 पद भरे हुए हैं।
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निगम द्वारा अपने व्ययों में, कार्यों
को प्रभावित किये बिना प्रत्येक सम्भव
कटौती की जा रही है तथा मितव्ययिता का
पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मितव्ययिता
बरतने तथा व्ययों में और कटौती करने
हेतु निदेशक मण्डल द्वारा दिए गये
निर्देशों के अनुरूप एक निदेशक की
अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी
थी जिसकी रिपोर्ट निदेशक मण्डल की
दिनाँक 08.08.2001 को आयोजित बैठक में
अनुमोदित व अंगीकृत की जा चूकी है
जिसमें दिये गये निर्देशों के अनुसार
निगम स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जा
रही है।